यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग सहायता भी देती है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना की मुख्य जानकारी
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
लाभार्थी | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
उद्देश्य | कौशल विकास और आर्थिक सहायता |
लोन की राशि | ₹5 लाख तक |
ब्याज दर | 0% (विशेष लाभ) |
लाभार्थी की आयु सीमा | न्यूनतम 18 वर्ष |
कार्यान्वयन विभाग | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) |
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी आजीविका को सशक्त बनाने में मदद करना है। कई बार ये समुदाय आधुनिक तकनीकों और वित्तीय सहायता से वंचित रह जाते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार ने निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है:
- आर्थिक सहायता: कम ब्याज दर या बिना ब्याज पर लोन प्रदान करना।
- कौशल विकास: आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग देकर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाना।
- मार्केटिंग सहायता: उनके उत्पादों को बाजार में उचित पहचान दिलाना।
- डिजिटल लेन-देन: डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना।
- टूलकिट प्रोत्साहन: काम में उपयोग होने वाले उपकरण मुफ्त या रियायती दरों पर उपलब्ध कराना।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ
इस योजना के तहत लाभार्थियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करती हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं:
- शून्य ब्याज दर पर लोन: ₹5 लाख तक का लोन बिना किसी ब्याज के।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: आधुनिक तकनीकों और कौशल विकास के लिए मुफ्त ट्रेनिंग।
- टूलकिट प्रोत्साहन: काम में उपयोग होने वाले उपकरण मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल पेमेंट करने पर अतिरिक्त लाभ।
- मार्केटिंग सपोर्ट: उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए सहयोग।
पात्रता मानदंड (Eligibility Necessities)
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
- आवेदक कम से कम 18 वर्ष का होना चाहिए।
- आवेदक किसी पारंपरिक व्यवसाय जैसे बढ़ई, लोहार, दर्जी आदि से जुड़ा होना चाहिए।
- आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में किसी अन्य सरकारी ऋण योजना का लाभ न लिया हो।
- यह सुविधा केवल एक परिवार के एक सदस्य को ही दी जाएगी।
- सरकारी नौकरी में कार्यरत व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शामिल ट्रेड्स (Trades)
इस योजना में कुल 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख ट्रेड्स निम्नलिखित हैं:
- बढ़ई (Carpenter)
- लोहार (Blacksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- दर्जी (Tailor)
- धोबी (Washerman)
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला (Fishing Web Maker)
ट्रेड्स की सूची
क्रम संख्या | व्यवसाय का नाम |
1 | बढ़ई |
2 | लोहार |
3 | सुनार |
4 | कुम्हार |
5 | दर्जी |
6 | धोबी |
7 | नाव निर्माता |
आवेदन प्रक्रिया (Choices on most likely the best strategies to Apply for PM Vishwakarma Yojana)
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया बहुत ही सरल है। आवेदक निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर जाएं या नजदीकी CSC सेंटर पर संपर्क करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- पात्रता जांचने के बाद आपको पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र दिया जाएगा।
- इसके बाद आप लोन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना: लोन विवरण
इस योजना के तहत दिए जाने वाले लोन की जानकारी निम्नलिखित है:
चरण | लोन राशि | ब्याज दर | पुनर्भुगतान अवधि |
पहला चरण | ₹1 लाख | 0% | 18 महीने |
दूसरा चरण | ₹4 लाख | 0% | 30 महीने |
पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र: क्या है इसका महत्व?
इस योजना के तहत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र न केवल उनकी पहचान सुनिश्चित करता है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह प्रमाणपत्र उनके व्यवसाय को कानूनी मान्यता भी प्रदान करता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक क्रांतिकारी कदम है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करती है। यह उनके कौशल को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक होगी।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया ध्यान दें कि इस योजना से संबंधित सभी जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर जाकर सत्यापित करें।